हंस
हंस
पक्षी प्रजातियों में से हंस को सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। इस सुंदर पक्षी को प्यार और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। हंस माता सरस्वती का वाहन है। हंस बतख से मिलते जुलते जलीय पक्षी हैं जो अपना ज्यादातर जीवन पानी में ही गुज़ार देते हैं।
यह पक्षी अपना ज्यादातर समय मानसरोवर में रहकर बिता देते हैं। आम तौर पर
हंस झीलों जा बड़े -बड़े तालाबों में रहते हैं। ऑस्ट्रेलिया में काले रंग के
हंस पाए जाते हैं। हंस अपने जीवनकाल के दौरान एक ही साथी के साथ रहकर
जिन्दगी गुजार देते हैं।
हंस (Swan) ज्यादातर बीज, बेरियां और छोटे -मोटे कीड़े मकौड़े खाते हैं।
हंस दुनिया के सभी क्षेत्रों में पाया जाता है। संसारभर में हंसों की सात
प्रजातियां पायी जाती हैं।
हिन्दू धर्म में हंस को मारना अर्थात देवता जा अपने गुरु को मार देने के
समान है। हंसों के बारे में एक कथा प्रचलित है के कैलाश पर्वत यहां शिव का
निवास स्थान है वहां हंस मानसरोवर झील के कंडे रहते हैं और वहां मोती
चुगते हैं पर वैज्ञानिक इस बात की पुष्टि नहीं करते हैं।
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