बतख
बतख
बतख (Duck) हंसों की प्रजातियों में से हैं छोटा पक्षी है। बतख एक जलीय
पक्षी हैं क्योंकि यह अपना पूरा जीवन पानी में ही बिता देता है। एक बतख 8
से 10 साल तक जीवित रहती
है। बतख के पंख जलरोधक होते हैं जो पानी में भी गीले नहीं होते है। बतख हर
साल तकरीवन 250 अंडे देती है। बतख के पंख छोटे और नुकीले होते हैं। बतख
समुन्द्रों में रहकर एक दिन में कई मीलों का सफ़र तय कर सकती है।
बतख सर्वाहारी होती हैं जो जलीय पौधे , कीड़े -मकौड़े , मछलियां खाती हैं।
बतखों की लगभग 40 प्रजातियाँ पायी जाती हैं जिनमे से वाइट पीकिन सबसे
प्रसिद्ध है। बतख अपने अण्डों पर बैठकर अपने शरीर की गर्मी से बच्चों को
जन्म देती है बतख के चूजे 28 दिनों में अण्डों से बाहर आ जाते हैं। नर बतख
मादा बतख को प्रजनन के लिए तैयार करने के लिए अपने पंखों को फैलाता है। बतख
की तीन पलकें होती हैं।
बतख ऐनाटीडे प्रजातियों के पक्षियों का एक आम नाम है जिसमे कलहंस और हंस भी शामिल है। बतख कई अन्य सह प्रजातियों व परिवारों में बाटी हुई है पर फिर भी यह मोनोफेलटिक
(एक आम पैतृक प्रजातियों के सभी सन्तान के समूह) नहीं कहलाई जाती। जैसे की
हंस और कलहंस इस प्रजाति में होकर भी बतख नहीं कहलाते। बतख ज्यादातर जलीय पक्षियों की तुलना में छोटे होते हैं व दोने ताजा और समुद्री पानी में पायी जाती है।
बतखे कई बार इन जैसे ही दिखने वाली या सम्बंधित पक्षियों से जो की इसी प्रकार से विचरण करते हैं जसी की लूंस, ग्रेबेस, कूटस आदि से ब्रह्मित की जाती है।
बत्तख ज्यादातर पानी में
रहती है। वह ताज़े पानी और समुद्र के पानी में रह सकती है। उसकी गर्दन लम्बी पर हंस
की गर्दन से छोटी होती है। उसके पंख मज़बूत, छोटे और नोकीले होते हैं। कुछ प्रकार
की बत्तखें बिलकुल नहीं उड़ सकती हैं। कुछ बत्तखें कुछ समय के लिए नहीं उड़ पाती हैं।
बत्तख घास, पानी के पौधे, मछली, कीड़े आदि खाती है। वह अपना खाना
धरती पर या पानी में खोजती है। कुछ बत्तखें पानी में गहराई तक गोते लगाती हैं। कुछ
प्रकार की बत्तखें बड़ी मछलियों को भी खा सकती हैं। एक अंग्रेजी समाचार पत्र 'द गार्डियन'
में बताया गया था कि बत्तख को डबलरोटी नहीं खिलानी चाहिए। उससे बत्तख के स्वास्थ्य
को हानि होती है और पानी भी प्रदूषित हो जाता है।
बत्तख तरह तरह की आवाजें बनाती है। वह क्वेक करने के आलावा सीटी के
समान आवाज़ निकालती है। उनकी आवाज़ धीमी या तेज़ हो सकती है।
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