शुतुरमुर्ग

शुतुरमुर्ग 


          शुतुरमुर्ग की ऊंचाई 9 फीट तक होती है। वजन 155 किलोग्राम तक होता है। वह 75 साल तक जीवित रहता है। 70 किलोमीटर की रफ्तार से लगातार आधे घंटे तक दौड़ सकता है। रफ्तार के समय यह खुद को संतुलित रखने के लिए अपने 6 फीट लंबे पंख का इस्तेमाल करता है। इस कारण यह दुनिया का सबसे बड़ा पक्षी कहलाता है। लंबे पैर और गर्दन वाला शुतुरमुर्ग मुख्य रूप से अफ्रीका में पाया जाता है। मेल शुतुरमुर्ग को रोस्टर और फीमेल को हेन कहते हैं।
         यह मुख्य रूप से मैदानी और मरुस्थलीय क्षेत्र में रहता है। घास-फूस, छोटे पौधे, बीज, कीड़े-मकोड़े आदि इसके आहार हैं। धरती के इस सबसे बड़े पक्षी के दांत नहीं होते, इसलिए वह अपने भोजन को पचाने के लिए पेट में पत्थर के टुकड़े रखता है। इन टुकड़ों का वजन एक किलोग्राम तक हो सकता है।
मेल शुतुरमुर्ग आमतौर पर काला होता है, लेकिन इसके पंख सफेद भी पाए गए हैं। फीमेल शुतुरमुर्ग और उनके बच्चों का रंग भूरा और सफेद होता है। अधिक वजन होने के कारण यह उड़ नहीं सकता। शुतुरमुर्ग काफी तेजी से बड़ा होता है। एक साल तक यह प्रति माह 10 इंच तक बढ़ता है। इसकी आंखें दो इंच तक होती है। धरती पर रहने वाले किसी भी अन्य जीव की आंखें इतनी बड़ी नहीं होतीं। शुतुरमुर्ग का अंडा भी सबसे बड़ा होता है। इसके अंडे का आकार 6 इंच लंबा और 5 इंच चौड़ा होता है। यह साल में ऐसे 60 अंडे दे सकता है। इसके अंडे से 40 दिनों में चूजे बाहर आते हैं। एक अंडे का वजन 1.6 किलोग्राम तक होता है। शुतुरमुर्ग का एक अंडा मुर्गी के 24 अंडे के बराबर होता है।
          शुतुरमुर्ग के लेदर, पंख, मीट और अंडों के उत्पाद का कारोबार किया जाता है। इसका मीट रेड मीट माना जाता है और इस अंडे की भी काफी डिमांड है, जिस कारण अब भारत में भी इसकी फार्मिग होने लगी है। इसके पंख और लेदर का इस्तेमाल फैशनेबल बैग, कपड़े आदि बनाने में किया जाता है। भारत में शुतुरमुर्ग को चिड़ियाघर में देखा जा सकता है।     


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