तीतर
तीतर
तीतर मुख्य रूप से प्राचीन समय का पक्षी है विश्व में तीतर की 40 से भी
ज्यादा प्रजातियां पायी जाती है। तीतर हरे -भरे इलाके और झाड़ियों में रहना
ज्यादा पसंद करते हैं। तीतर को घने जंगलों और और सूखे मैदानों में कभी नहीं
देखा जाता है। यह पक्षी उड़ता बहुत कम है और जब कभी उड़ता भी है तो इसकी
उड़ान काफी नीची और बहुत छोटी होती है।
तीतर झुंडों में रहने की वजाय अकेले रहना पसंद करते हैं। तीतर घनी
झाड़ियों अथवा घास के मैदानों और वृक्षों की शाखाओं पर विश्राम करते हैं।
तीतर की सभी प्रजातियों की शारीरक सरंचना , आकार , रंग भोजन आदि से सबंधित
आदतों और व्यवहारों में प्राप्त अंतर होता है। तीतर का शरीर गोलाई के रूप
में इसका सिर छोटा इसकी पूंछ भी बहुत छोटी एवं नुकीले पंजे होते हैं। काला
तीतर भारत के इलावा पाकिस्तान , नेपाल , भूटान और ईरान में भी पाया जाता
है।
नर तीतर और मादा तीतर के शारीरक रंगों में थोड़ा अंतर होता है नर के शरीर
का रंग चमकीला जबकि मादा के शरीर का रंग हल्का होता है। तीतर की कुछ
प्रजातियां तो रंग -बिरंगे रंगों में होती हैं तथा विभिन्न प्रकार के रंग
होते हैं। तीतर का भोजन बेरियां , अनाज , फ़ल आदि हैं। इसके इलावा तीतर अपने
तेज़ पंजों से जमीन की मिट्टी खोदकर छोटे -छोटे नए पौधे निकाल लेता है और
उन्हें खा जाता है। दीमक और चींटियां तीतर का मनपसंद भोजन है।
प्रजनन काल के दौरान तीतर जोड़ों में दिखाई देते हैं हर एक जोड़ा अपना
सीमा क्षेत्र बनाता है और अपना प्रजनन इसी क्षेत्र में बिताता है। लागातर
कीटनाशक दवाईयों के प्रयोग से आज कल तीतर बहुत कम दिखाई देते हैं यह लगातार
अलोप होते जा रहे हैं।
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